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भारत-अमरीका असैनिक परमाणु समझौते पर १ अक्टूबर २००८ को अमरीकी सीनेट में मतविभाजन होगा। प्रतिनिधि सभा इसे पहले ही दो तिहाई बहुमत से पारित कर चुकी है। भारत-अमरीका असैनिक परमाणु समझौते विषय पर १ अक्टूबर २००८ को शाम लगभग साढ़े सात बजे सीनेट में यह समझौता मंज़ूरी के लिए पेश किया जाएगा। अमरीकी संसद के निचले सदन ने भारत-अमरीका परमाणु समझौते को 117 के मुक़ाबले 298 मतों से पारित किया था। सीनेट में डेमोक्रैटिक और रिपब्लिकन दोनों पार्टियों के सांसदों का समर्थन परमाणु समझौते को मिल सकता है। सीनेट से मंज़ूरी मिलने के बाद दोनों देशों के विदेश मंत्री औपचारिक रुप से 123 समझौते पर हस्ताक्षक्चार करेंगे। इसके साथ ही भारत और अमरीका के मध्य परमाणु ईंधन और तकनीक के कारोबार का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा.
दो संशोधन
डेमोक्रैट हैरी रीड ने बताया की कि सीनेट में परमाणु समझौते में दो संशोधन करने के प्रस्तावों पर भी चर्चा होगी। गौरतलब है की कुछ सांसदों ने ये स्पष्ट करने को कहा है कि अगर भारत भविष्य में परमाणु परीक्षण करता है तो अमेरिका की क्या नीति होगी। फिलहाल इनका मक़सद यह तय करना है कि अमेरिका से मिलने वाले परमाणु ईंधन या तकनीक का इस्तेमाल भारत परमाणु हथियार बनाने के लिए न कर पाए। संशोधन का एक प्रस्ताव यह है कि भारत के परमाणु परीक्षण करने की स्थिति में अमरीकी राष्ट्रपति सत्यापित करें कि परीक्षण में अमरीकी तकनीक या पदार्थों का इस्तेमाल नहीं किया गया। जब की दूसरा संशोधन प्रस्ताव परीक्षण की दशा में अमरीकी परमाणु निर्यात रोकने की बात करता है। अमरीकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा से पारित होने के बाद एक सीनेटर ने परमाणु समझौते से जुड़े विधेयक में अड़ंगा डालने की कोशिश की थी लेकिन पर्दे के पीछे चली बातचीत में उन्हें मना लिया गया.

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