१५वीं लोकसभा चुनाव की तिथि निर्धारित होते ही तीसरे मोर्चे के गठन का भी ऐलान कर दिया गया। तीसरे मोर्चे के लिए चलाया जा रहा अभियान गति पकड़ रहा है। तीसरे मोर्चे का सपना कोई नया नही है। एक विचार के तौर पर यह स्थापना जनता को काफ़ी आकर्षित भी करती है की देश में एक ऐसा मंच बने जो उन सभी मुश्किलों से मुक्त हो जिसके लिए कांग्रेस पूरे देश में जानी जाती है। और साथ ही भाजपा की तरह संघ और साम्प्रदायिकता की कोई छाया भी न पड़े। कांग्रेस और भाजपा देश की राजनीति की दो ऎसी हकीक़त है जिसके आस-पास ही पिछले कुछ वर्षो से भारतीय राजनीति ध्रुवीकरण है। तीसरे मोर्चे की कल्पना इन दोनों से अलग एक सुनहरा व सुव्यवस्थित देश बनाने की है। लेकिन जाहिर सी बात है की इसके लिए जो भी महारथी आयेंगे वो भी किसी स्वर्ग से नही बल्कि इन दोनों ध्रुवों के आस-पास घूमने वाले महारथी ही होंगे जो दिल्ली की सत्ता में अपनी हिस्सेदारी या अपने जुगाड़ तलाश रहे होंगे। इसमें बहुत से ऐसे भी होंगे समय के नजाकत को देखते हुए पाला भी पलट सकते है।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Millets Benefits for Heart: हृदय रोगों को दूर करने में रामबाण है मिलेट्स
हृदय रोगों को दूर करने में रामबाण है मिलेट्स मिलेट्स (Millets) हमारे लिए एक बहुत ही स्वस्थ खाद्य हैं। ये भारतीय खाद्य पदार्थ हैं, जो कि पौष्...
-
प्यारे दोस्तों, मै आप सबका हाल में विभिन्न सहरो में हुए बम धमाको की ओर धयान आकर्षित करना चाहता हू की हम सबको इससे एक सबक लेने की जरुरत है औ...
-
हृदय रोगों को दूर करने में रामबाण है मिलेट्स मिलेट्स (Millets) हमारे लिए एक बहुत ही स्वस्थ खाद्य हैं। ये भारतीय खाद्य पदार्थ हैं, जो कि पौष्...
-
सिंगुर की नैनो प्रोजेक्ट की तरह रायबरेली की रेल कोच फैक्ट्री भी राजनीति की भेंट चढ़ गई। इसमे भी किसानों को ही मुद्दा बनाया गया है। किसानों क...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें